सोलन के विकास के साथ बीस सूत्रीय कार्यक्रम की बैठक करवाने में भी कांग्रेस नेता फेल: शैलेंद्र गुप्ता
दो सीपीएस ,एक मंत्री और पांचों विधान सभा क्षेत्रों में कांग्रेस का एक छत्र राज होते हुए भी विकास हाशिये पर
सर्वांगीन विकास की स्वर्गीय इंदिरा गांधी की बीस सूत्रीय कार्यक्रम की नींव को खोखला कर रहे कांग्रेस नेता
बद्दी 24 अक्टूबर सतीश जैन
सोलन भाजपा के प्रवक्ता शैलेंद्र गुप्ता ने कहा कि प्रदेश की राजनीति में मजबूत साख रखने वाले जिला सोलन में कांग्रेस की सत्ता आने के बाद बीस सूत्रीय कार्यक्रम की एक भी बैठक नहीं हो सकी है। हैरत और सोलन के विकास के लिए दुखद है कि जिस जिला में दो सीपीएस ,एक मंत्री और पांचों विधान सभा क्षेत्रों में कांग्रेस का एक छत्र राज होते हुए भी विकास हाशिये पर है।
यह ही बीस सूत्री कार्यक्रम है, जिसमें विकास की नींव को सींचने का काम होता है। बैठक का आयोजन न होने पाना कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की नालायकी ही है कि जिस कार्यक्रम की शुरूआत सर्वांगीन विकास के मकसद से स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने की थी, उसे ही कांग्रेस के नेता भूला रहे हैं। ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुक्खू सरकार में अहम ओहदे संभाले हुए सोलन के नेता प्रदेश के विकास के लिए कितने संजीदा होंगे।
अफसर बेटा बांट रहा एैच्छिक निधी, क्या शांडिल ने दी जीपीए
भाजपा गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल इस बीस सूत्रीय कार्यक्रम के अध्यक्ष भी हैं। वह भी बीस सूत्रीय कार्यक्रम की बैठक को लेकर कोई रूची नहीं दिखा रहे। आरोप लगाया कि एक अहम ओहदा संभाले हुए उनके अधिकारी बेटे जनसभाओं में जाकर एैच्छिक निधी बांट रहे हैं। गुप्ता ने तंज कसते हुए कहा कि अगर स्वास्थ्य मंत्री ने निधी बांटने की जीपीए अपने बेटे को ही दे रखी है तो बीस सूत्रीय कार्यक्रम की जीपीए भी उसी अफसर बेटे को दे दे, ताकि बैठक तो हो सके।
बीस सूत्रीय कार्यक्रम से जुड़े यह अहम विकास
ग़रीबी उन्मूलन, रोज़गार, शिक्षा, आवास, स्वास्थ्य, कृषि, भूमि सुधार, सिंचाई, पेयजल, कमज़ोर वर्गों का सशक्तिकरण के अलावा, बीस सूत्री कार्यक्रम में खाद्य सुरक्षा, कृषि उत्पादकता, पर्यावरण संरक्षण, उपभोक्ता संरक्षण, ई-गवर्नेंस आदि शामिल हैं।
इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने और भूमि सुधार के लिए बीस सूत्री कार्यक्रम शुरू किया था। इस कार्यक्रम को साल 1975 में शुरू किया गया था। साल 1982 और 1986 में इसमें संशोधन किए गए थे।