आज तक आवास नहीं नसीब हो सका मजबूरन
रहीमाबाद लखनऊ दस साल से अधिक समय बीत गया परन्तु सरकारी महकमे के आश्वासन के अलावा फत्तेपुर निवासी नफीस को आज तक आवास नही नसीब हो सका मजबूरन औरास रोड पर तालाब के किनारे लगभग दस सालो से अधिक समय सू पंननी डाल कर गुजारा कर रहा है
नफीस ने पुनः जनप्रतिनिधियों सहित विभागीय अधिकारियों से आवास दिलाये जाने की मांग की है
ज्ञात हो कि फत्तेपुर निवासी पछपन साल के नफीस पत्नी शकीला बेटी अलसिफा बेटे ज़ावेद के साथ कच्चे गिरे मकान मे लगभग दस सालो अधिक समय से पालीथीन डाल कर रह रहे हैं नफ़ीस के पास कृषि के नाम पर एक बिसुवा जमीन नही है नफीस ढेलिया पर फल रख कर गांव की गलियों चौराहे व बाजार बेच कर किसी तरह से अपने परिवार दो वक्त की रोटी रोज़ी चला पा रहा है
नफीस की पत्नी शकीला ने बताया कि लगभग दस साल पहले कच्चा मकान बरसात मे गिर गया था हम लोगों के पास इतने पैसे नहीं है कि घर की रोटी चलाये मजबूरन पालीथीन तान कर बारिश हो या ठंडी हो या गर्मी किसी तरह से गुजर बसर कर रहे हैं आवास दिये जाने की मांग ग्राम प्रधान जनप्रतिनिधि व विभागीय को क ई सालो से प्राथना पत्र देकर आवास दिलाये जाने की मांग की है कि ई बार अधिकारी जांच करने आये परन्तु आज तक आश्वासन के आलावा कुछ नहीं मिला थक हार कर गिरे कच्चे मकान में रह रहे हैं
नफ़ीस ने बताया कि बरसात के समय पन्नी तिरपाल डाल कर काम चला रहा है वही ठंडी के मौसम में आग जला कर किसी तरह से काम चलाते है रात मे दोनों बच्चे मा के आँचल मे छिप जाते हैं और मा बाप से पूछते हैं कि घर कब बने गा
इस संबंध मे पूर्व ग्राम प्रधान बंदना गुप्ता से बात की तो उन्होंने बताया कि फत्तेपुर इससे दस साल पहले ग्राम सभा जिन्दौर का मजरा था दस साल पहले यह ग्राम सभा बनी मिलते ही आवास दिलाये जाने की सारी औपचारिकताये पूरी की जा चुकी है परन्तु दस साल से अधिक समय बीत जाने के बाद आज भी इस परिवार को अभी तक आवास नही मिल सका