नई दिल्ली: कैश फॉर क्वेश्चन मामले में संसद की सदस्यता से निष्कासित टीएमसी नेता महुआ मोईत्रा को फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है. महुआ मोइत्रा द्वारा सरकारी बंगला खाली कराने के दिए नोटिस को दिल्ली हाईकोर्ट मे चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई. दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह सरकारी आवास का आवंटन रद्द करने को चुनौती देने वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता महुआ मोइत्रा की याचिका पर चार जनवरी को सुनवाई करेगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अभी इस पर सुनवाई करने का कोई औचित्य नहीं है, इसलिए अभी इंतजार कीजिए.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि महुआ मोइत्रा की निष्कासन के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. ऐसे मे हाईकोर्ट इस पर फिलहाल सुनवाई नहीं कर सकता. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि संसद से निष्कासन के खिलाफ महुआ मोइत्रा की याचिका पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में पेन्डिंग है, जिस पर 3 जनवरी को सुनवाई होनी है. अगर सुप्रीम कोर्ट से महुआ के निष्कासन पर रोक लग जाती है तो जाहिर तौर पर ऐसी सूरत में आपको बंगला भी खाली नहीं करना होगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अभी हाईकोर्ट का सुनवाई करने का कोई औचित्य नहीं बनता. महुआ मोइत्रा सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का इंतजार करें.
दरअसल, टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने बंगला खाली कराने के नोटिस पर रोक लगाने की मांग की है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट लोकसभा से निष्कासन के खिलाफ मोइत्रा की याचिका पर तीन जनवरी को सुनवाई करेगा. इसके बाद इस याचिका पर सुनवाई की जाएगी. न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई स्थगित की. मोइत्रा के वकील ने अदालत से संपदा निदेशालय को याचिका पर चार जनवरी से पहले जवाब दाखिल करने का निर्देश देने का अनुरोध किया, लेकिन उसने कहा कि वह अगली तारीख पर ही इस याचिका पर सुनवाई करेगा.
याचिका में अनुरोध किया गया है कि संपदा निदेशालय के 11 दिसंबर के आदेश को रद्द किया जाए और मोइत्रा को 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने तक आवास का कब्जा वापस दिया जाए. महुआ मोइत्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पिनाकी मिश्रा ने कहा कि याचिकाकर्ता केवल 31 मई 2024 तक सरकारी आवास का कब्जा वापस देने का अनुरोध कर रही हैं. संपदा निदेशालय की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा और केंद्र सरकार के स्थायी वकील अनुराग अहलुवालिया पेश हुए.
महुआ मोइत्रा को कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से कथित तौर पर उपहार लेने के बदले में सवाल पूछने और उनके साथ संसद वेबसाइट की ‘लॉग इन’ आईडी और ‘पासवर्ड’ साझा करने के लिए ‘अनैतिक आचरण’ का दोषी ठहराया गया था और आठ दिसंबर 2023 को लोकसभा की उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गयी थी. उन्होंने अपने निष्कासन को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है. न्यायालय मामले पर तीन जनवरी 2024 को सुनवाई करेगा. (इनपुट भाषा से भी)
.
Tags: DELHI HIGH COURT, Mahua Moitra
FIRST PUBLISHED : December 19, 2023, 14:09 IST