हाइलाइट्स
अमेरिका ने यमन में शिया हूथी समूहों के हमलों को ध्यान में रखते हुए तैनाती की है.
भारत ने अरब सागर और लाल सागर में दो विध्वंसक जहाजों को तैनात किया है.
नई दिल्ली: समुद्री सुरक्षा को लेकर भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए अरब सागर में अदन के तट पर दो मिसाइल-निर्देशित विध्वंसक तैनात किए हैं. भारत ने यह कदम अमेरिका द्वारा रेड सी में व्यापारी जहाजों को ईरानी समर्थित आतंकवादी संगठन हूथी से बचाने के लिए एक बहुराष्ट्रीय नौसैनिक बल को तैनात करने के बाद उठाया है. भारतीय नौसेना ने रेड सी के मुहाने पर सोमालियाई डाकुओं द्वारा व्यापारी जहाजों को निशाना बनाने के मामले को कम करने के लिए विध्वंसक आईएनएस कोच्चि को तैनात किया है.
इसके अलावा भारत ने अदन के तट पर समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक और निर्देशित मिसाइल स्टील्थ विध्वंसक आईएनएस कोलकाता को तैनात किया है. सोमवार को, अमेरिका ने यमन में शिया हूथी समूहों द्वारा शुरू किए गए बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन हमलों से लाल सागर में समुद्री यातायात की रक्षा के लिए ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्डियन की घोषणा की. इस गठबंधन में यूके, बहरीन, फ्रांस, नॉर्वे और अन्य देश शामिल हैं.
ईरान समर्थित हूथी मिलिशिया को अरब प्रायद्वीप में अल कायदा, इस्लामिक स्टेट और अंसार अल-शरिया जैसे आतंकवादी समूहों के समर्थन प्राप्त है और यह यमन सरकार से जंग लड़ रही है. हूथी के पास हेलीकॉप्टर, फायरिंग ड्रोन और खतरनाक बैलिस्टिक मिसाइलों का भंडार है. दक्षिण यमन में स्थित रेड सी के बाब अल-मंदब चेक-प्वाइंट के पास हूथी गाजा में इजरायल को सैन्य अभियानों से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बनाने की योजना के तहत कॉमर्शियल जहाजों को निशाना बना रहा है.
एक तरफ जहां हूथी संगठन लाल सागर में कॉमर्शियल जहाजों को निशाना बना रहा है. वहीं इस्लामवादी सोमालियाई समुद्री डाकू भारी फिरौती की रकम के लिए व्यापारी टैंकरों का अपहरण करके समस्या को और बढ़ा रहे हैं. हाल ही में सोमालियाई समद्री डाकुओं ने एक टैंकर का अपहरण कर उसे मोगादिशू ले कर चले गए. चीन द्वारा इंडो-पैसिफिक के एक छोर पर दक्षिण चीन सागर में नेविगेशन की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने और मध्य-पूर्व क्षेत्र को अस्थिर करने वाले ईरानी प्रॉक्सी के कारण, संचार के समुद्री मार्ग खतरे में हैं और वैश्विक व्यापार पर गंभीर असर पड़ रहा है.
हूथी द्वारा व्यापारिक जहाजरानी पर किसी भी सफल बड़े हमले से लाल सागर के माध्यम से वैश्विक तेल प्रवाह पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा और कच्चे तेल की कीमतें बढ़ जाएंगी, जिससे वैश्विक संकट और बढ़ जाएगा. वैश्विक तेल आयात का लगभग 10 प्रतिशत प्रतिवर्ष लाल सागर से होकर गुजरता है.
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Tags: Indian navy, Navy
FIRST PUBLISHED : December 19, 2023, 12:22 IST