COVID 19 Latest News: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को भारत के कुछ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 मामलों में ताजा वृद्धि और नए जेएन.1 सब-वेरिएंट के पहले मामले का पता चलने पर राज्यों को सलाह जारी की. केरल में ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट का नया मामला सामने आया है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने राज्य सरकारों को भेजे पत्र में देश में कोविड की स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया है.
यह रेखांकित करते हुए कि “केंद्र और राज्य सरकारों के बीच लगातार और सहयोगात्मक कार्यों के कारण हम कोविड के फैलने पर नियंत्रण बनाए रखने में सक्षम हुए हैं”, उन्होंने कहा : “हालांकि, जैसे-जैसे कोविड-19 वायरस फैलता जा रहा है और इसका महामारी विज्ञान व्यवहार व्यवस्थित हो रहा है, भारत में मौसम की स्थिति और अन्य सामान्य रोगजनकों के प्रसार के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य में चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए गति बनाए रखना महत्वपूर्ण है.”
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए राज्यों को श्वसन स्वच्छता के पालन द्वारा बीमारी के फैलाव में वृद्धि के जोखिम को कम करने के लिए आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय और अन्य व्यवस्थाएं करने की सलाह दी.
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राज्यों को क्या सलाह?
सभी राज्यों को सलाह दी गई है कि वे सभी जिलों में कोविड परीक्षण दिशानिर्देशों के अनुसार पर्याप्त परीक्षण सुनिश्चित करें और आरटी-पीसीआर और एंटीजन परीक्षणों की अनुशंसित हिस्सेदारी बनाए रखें. उन्हें पता लगाने के लिए एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच (आईएचआईपी) पोर्टल सहित सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में नियमित आधार पर जिलेवार इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) मामलों की निगरानी और रिपोर्ट करने के लिए भी कहा गया है.
RTPCR टेस्ट बढ़ाने के निर्देश
मंत्रालय ने आरटी-पीसीआर परीक्षणों की संख्या बढ़ाने और भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकॉग) प्रयोगशालाओं में जीनोम अनुक्रमण के लिए सकारात्मक नमूने भेजने के लिए भी प्रोत्साहित किया, ताकि समय पर नए वेरिएंट का पता लगाया जा सके.
क्या है नया सब वेरिएंट, कहां मिला था?
जेएन.1, बीए.2.86 ओमिक्रॉन वेरिएंट का एक उप-वंश है और अन्य देशों में फैलने से पहले इसे पहली बार अगस्त में लक्ज़मबर्ग में पाया गया था. BA.2.86, जिसे “पिरोला” संस्करण के रूप में भी जाना जाता है, पहली बार जुलाई में डेनमार्क में पाया गया था. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार जेएन.1, बीए.2.86 के समान वंश का हिस्सा है और इसमें एक अतिरिक्त स्पाइक उत्परिवर्तन – एल455एस उत्परिवर्तन शामिल है, जिसमें प्रतिरक्षा-विरोधी गुण हैं.
क्या हैं नए सब वेरिएंट के लक्षण?
कोरोना के नए जेएन.1 सब-वेरिएंट के लक्षण अमूमन पुराने वेरिएंट जैसे ही हैं. अभी इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि ये वेरिएंट, कोरोना के दूसरे वेरिएंट के मुकाबले अधिक खतरनाक है. विशेषज्ञों के मुताबिक चूंकि भारत में ज्यादातर लोग कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं, ऐसे में गंभीर बीमारी का खतरा कम है, लेकिन बुजुर्गों-बच्चों को सतर्क रहने की आवश्यकता है.
क्या है इसकी दवा?
विशेषज्ञ कहते हैं कि अभी डॉक्टर कोरोना की जो दवाएं चला रहे हैं, वही नए जेएन.1 सब-वेरिएंट पर भी कारगर है. साथ ही कोरोना वैक्सीन का अपडेट वर्जन भी, पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा कारगर है.
कितने केस मिले?
भारत में एक बार फिर कोरोना के केसेज में उछाल हो रहा है. सोमवार को कोविड के 1,828 मामले दर्ज किए गए. केरल में मामलों की संख्या सबसे अधिक 1,634 है.
WHO ने क्या कहा?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी कोरोना के नए सब वैरिएंट जेएन.1 को लेकर चेताया है और मजबूत निगरानी के लिए कहा है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर मामले बढ़ रहे हैं. डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में कहा, ”मौजूदा कोविड मामलों में से लगभग 68 प्रतिशत एक्सबीबी सबलाइनेज और जेएन.1 जैसे अन्य समूहों के मामले हैं. सतर्कता रखनी जरूरी है’.
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Tags: Corona Virus, COVID 19, Covid vaccine, Kerala News
FIRST PUBLISHED : December 19, 2023, 07:04 IST