हाइलाइट्स
JN.1 के फैलने की स्पीड को लेकर अभी कोई खास जानकारी नहीं है.
विशेषज्ञों का सुझाव है कि इसके लक्षण सामान्य सर्दी की तुलना में कुछ हद तक एक जैसे हैं.
नई दिल्लीः कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन कोरोना वायरस के नए सब-वेरिएंट सामने आ रहे हैं. हालांकि इस बार जो सब-वेरिएंट म्यूटेट हुआ है, वो बहुत ही खतरनाक और जानलेवा है. अमेरिका, चीन और ब्रिटेन सहित कई देशों में लोग इस नए वेरिएंट के चपेट में आने शुरू हो गए हैं. हैरानी की बात है कि भारत में भी एक मामला सामने आ चुका है. ऐसे में लोगों के भीतर एक बार फिर कोरोना को लेकर डर बैठ गया है. हालांकि एक्सपर्ट ने सलाह दी है कि अगर सावधानी बरती जाए तो इसे फैलने से रोका जा सकता है. विशेषज्ञों ने न्यूज18 को बताया कि जब तक लोगों में JN.1 वेरिएंट के प्रति इम्यून सिस्टम नहीं तैयार होता है, तब तक कोरोना के मामले की बढ़ने की आशंका है.
JN.1 के फैलने की स्पीड को लेकर अभी कोई खास जानकारी नहीं है. विशेषज्ञों का सुझाव है कि इसके लक्षण सामान्य सर्दी की तुलना में कुछ हद तक एक जैसे हैं, जैसे कि थकान, गंभीर शरीर दर्द और गले में खराश की शिकायत हो. इस नए वेरिएंट के लक्षण इन्फ्लूएंजा से मिलते जुलते हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि JN.1 के चपेट में युवाओं के आने के चांस बहुत कम हैं. लेकिन बुजुर्गों को सावधानी बरतनी चाहिए और रोकथाम के उपायों को बढ़ाना चाहिए. क्योंकि यह पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है.
बता दें कि केरल में एक महिला में जेएन.1 सब-वेरिएंट का पता चला है, जिससे चिंता बढ़ गई है और वायरल बीमारी के खिलाफ लड़ाई में चल रही सतर्कता की आवश्यकता पर जोर दिया गया है. 16 दिसंबर को, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर केरल के एक मरीज में कोविड-19 के जेएन.1 सब-वेरिएंट के होने की पुष्टि की, जो भारत में पहला रिपोर्ट किया गया मामला था. कोरोना के इस नए वेरिएंट के मामले 38 से अधिक देशों में आ चुके हैं.
हालांकि सबसे पहले मामला लक्जमबर्ग में पाया गया था. जेएन.1 के पास स्पाइक म्यूटेशन है, जो कि इम्यून सिस्टम को चकमा दे सकता है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के कोच्चि विंग के पूर्व अध्यक्ष डॉ राजीव जयदेवन ने न्यूज18 को बताया कि कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होना अपेक्षित था. क्योंकि आखिरी स्पाइक को करीब सात महीने हो चुके हैं. उन्होंने कहा, ‘जैसा कि हम जानते हैं, कोविड-19 एक चक्रीय बीमारी है, यह वापस आती रहेगी. INSACOG डेटाबेस के अनुसार, यह इस साल अप्रैल में था जब हमने आखिरी बार स्पाइक देखा था, जो XBB सबलाइनेज के कारण हुआ था.’
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Tags: Coronavirus Case in India
FIRST PUBLISHED : December 19, 2023, 10:29 IST